आजकल विद्यार्थी गणित से क्यों दूर रहना चाहतें है ?

आजकल के बच्चों का सबसे बड़ी समस्या है की गणित उनके विद्यालय में क्यों पढ़ाया जाता है। शायद ! इसी कारण बच्चे की गणित को छोङकर बाकि सभी विषय में भी ख़राब प्रदर्शन होता जा रहा है। इस समय गणित को लेकर यदि चिंता में है। लोग अनाप-शनाप बता कर उस बच्चो को भ्रमित कर करे है।

कभी-कभार तो हद हो जाता है , किसी परीक्षा में अंक कम आने पर स्कूल के अध्यापक या कोई घर सदस्य ही,बच्चो को डांटतें है। और कहतें है – तुम्हारे बस का नहीं है। तुम रहने दो , तुम दूसरा विषय पढ़ो। यदि जोड़ , घटना, गुण, भाग , इत्यादि गलती भी होता है। तो ऐसे डाँटते की लगता की वे बच्चे को खाजायेंगे।

आजकल विद्यार्थी गणित से क्यों दूर रहना चाहतें है

चलिए इन सरे विषय पर विस्तार से बात करेंगे। हम कोसिस करेंगे की आप यदि गणित से दूर जाना चानतें है। इससे कौन-कौन परेशान है? , इसके क्या कारण है ? , इसके उपाय क्या है ?, इत्यादि विषयों पर बात करनेगे।

गणित इतना कठिन क्यों होता है ?

यदि गणित सही तरीके से पढ़ा जाये या नियमित रूप से पढ़ा जाय तो गणित सबसे आसान विषय बन जाता है। वही पर यदि गणित को समझने और हल के बजाय उसे याद करने की कोशिश की जाय तो गणित सबसे कठिन विषय बन जाता है। यह हमें मानना चाहिए की गणित में लम्बे कैलकुलेशन होते है। इसमें टेड़े-मेढे सूत्र होते है। हमको यह भी मानना चाहियें की यदि कोई सवाल हल करते समय किसी प्रकार की गलती हो जाती है। तो हल करना छोड़ देतें है।

शायद यहभी हो सकता है की यदि विद्यालय में कोई सूत्र(Formula) या प्रमेय(Theorem) समझाया जाता है और बच्चे घर आकर उस पर कोई सवाल का नहीं करतें है। बस उसको याद करके छोड़ देतें है। या विद्यालय में सही तरीके से समझाया नहीं गया हो। बस कोटा पूरा किया गया है।

मानलीजिए , आपके विद्यालय में कोई सूत्र पढ़ाया गया हो और उसी दिन आप विद्यालय नहीं गए हो। इस दशा में वह concept छूट जाता है। जो अग्रिम अध्याय के लिए मुश्किल बना देता है। शायद अध्यापक बच्चे के उस समस्या पकड़ते नहीं है जँहा बच्चा अटका हुआ है और गणित के अध्याय में आगे बढतें जाते है। बस उसी दिन से बच्चे को गणित कठिन लगने लगता है। वे बच्चे सोचते है की गणित मेरे बस का नहीं है।

गणित से किस तरह के बच्चे परेशान है ?

यदि मै अपने अनुभव से बताऊँ तो परेशान वे बच्चे है जो गणित के बेसिक(जोड़, घटना, गुणा, भाग) को बिना समझे वे लोग उच्च कक्षाओं में जा चुकें है। इस तरह के बच्चे कक्षा में गणित से जुड़े कोई भी सवाल उत्तर शर्म के मारे बताना नहीं चाहतें है। यही शर्म के वजह से किसी के सामने गणित से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बात नहीं कारना चाहतें है। बस परीक्षा से पहले एक दिन पढ़ कर परीक्षा में समिल्लित हो कर हर सवाल और कमी को छुपालतें है।

कभी-कभी तो अपने माता-पिता के वजह से रिजल्ट में प्रतिशत को बनाये रखने के लिए बच्चे दूसरे विषय को अच्छे से पढ़ कर अंक प्राप्त कर रहें है। सबसे बड़ा करण यही है की बच्चे गणित को कोई महत्व नहीं देना चाहते है। क्योकि वे लोग जान चुकें है। गणित के बिना भी हम अच्छे अंक प्राप्त कर लेते है।

इसमें वे भी बच्चे शामिल है जो रोजाना गणित से जुड़े सवालों के हल के लिए कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर रहें। जो मैनुअल कैलकुलेशन से दूर हो रहें है। गणित से जुड़े किसी सवाल हल किसी गणित के किताब के बजाय यूट्यूब में ढूंढ कर आधा अधूरा ज्ञान ले रहे है। यदि कही पर मैन्युअल कैलकुलेशन करना होता है हो अटक जातें है।

गणित में कमजोर होने के मुख्य लक्षण क्या है ?

हमारे अनुभव के अनुसार यह उन्ही बच्चो के साथ होता है जो इन सभी में लिप्त है।

  • जो बच्चे हर बात पर कैलकुलेटर का उपयोग कर रहें है।
  • जो बच्चो किसी सूत्र की उतपत्ति या प्रमेय को समझने के किताब या विद्यालय के अध्यापक के बजाय यूट्यूब से इनसभी के बारें में सर्च करतें है।
  • जो बच्चे बिना गणित के बेसिक के मजबूत किये बिना ही अगली कक्षा में नामांकन ले रहें है।
  • जो बच्चे अपने कक्षा में उठकर सवाल पूछने में शर्मातें है।
  • जो बच्चे अपने विद्यालय में पढ़ाये गए गणित के सवाल को घर पर अपने आप से हल करने की कोसिस नहीं करतें है।
  • जो बच्चे लोगो के ग्रुप में रहना चालू कर देतें है जो सफलता के शॉर्टकट को मनगण तरीके से बताते रहतें है।
  • जो बच्चे गणित के बजाय मोबाइल गेम में अपना सारा समय व्यस्थ करना चाहतें है।

गणित को न पसंद करने के मुख्य कारण क्या है ?

यह बात बहुत ही ज्यादे चिंता जनक है की बच्चे गणित से दूर क्यों भागना चाहते है। क्यों वे लोग गणित को पसंद नहीं करते है। हम यह भी जानते है , गणित कठिन विषय है। फिर भी यह एक मात्र कारण नहीं हो सकता है। इसलिए , चलिए हम अपने अनुभव से कुछ प्रमुख संभावित कारण के बारे में चर्चा करते है :

  • कठिन और जटिल होना :

हम सब सुने है गणित जटिल होता तो है लेकिन कठिन तो हर व्यक्ति विशेष के समझ पर निर्भर करता है। केवल एक व्यक्ति के कह देने मात्र से नहीं होता है की गणित कठिन और जटिल होता है। शायद ! इसी कारण बच्चे बिना कोशिश किये ही यह बात मान लेते है की गणित कठिन और जटिल है।

  • बार-बार समझ में न आना:

कुछ बच्चे ऐसे होते है। जिनको गणित के सूत्र और अवधारणाएं समझ में नहीं आता है। जिसके वजह से सवाल करने में कठिनाई होती है। इसी करण से बच्चे चिंतित रहते है।

  • बार-बार एक ही सूत्र पर कई सवाल से :

कई बच्चे यह समझते है की एक ही सूत्र पर एक सवाल का हल निकला तो उचित है मगर एक सूत्र पर कई आयामों के आधार पर कई सवाल का हल निकला जटिल और उबाऊ होता है।

  • गलत/नकारात्मक अनुभव:

बच्चे के घर या विद्यालय में गणित के प्रति डर या नकारात्मक विचार भी हो सकता है। जैसे की विद्यालय में गणित के अनुभवी शिकक्ष न होना, घर पर गणित के प्रति खराब लॉजिक या अनुभव या दृष्टिकोण सही न होना।

  • गणित के कठिन परीक्षा में सामिल होने से:

कभी-कभी बच्चे ऐसे परीक्षा में शामिल हो जाते है जो उनके स्तर का होता ही नहीं है। बस इसी कारण प्रशनों के देखर दर जातें है।

  • डर और चिंता :

कुछ लोग गणित से डरते है और वे लोग अपना अनुभव बच्चों को देते है। जिससे बच्चे हमेशा चिंतित रहते है। शायद यह भी कारण हो सकता है जिससे बच्चे गणित से दूर जाना चाहते है।

गणित को पसंद या गणित में मन लगाने का सबसे बेहतरीन उपाय।

गणित विषय में मन लगाने और पसंद करने की सबसे बेहतीन उपाय को अपने कोई वर्षो में किये हुए अनुभव के साथ बता रहा हूँ। इसलिए निचे दिए हुए उपाय को ध्यान से पढ़े और समझने की कोशिश करें।

  • गणित के सवालों का रोजाना अभ्यास करे:

रोजाना अपने कक्षा के गणित से जुड़े सवालों को हल करे(बिना शॉर्टकट अपनाये)। सूत्र और प्रमेय को याद करें।

  • गणित के आधार को मजबूत बनायें :

यदि आप महसूस करते है की आप गणित में कमजोर है तो सबसे पहले गणित के बेसिक(जोड़ , घटना , गुणा , भाग , भिन्न, अलजेब्रा, इत्यादि) को सुधारियें। इससे आपको आगे के गणित में बूस्ट उप मिलेगा।

  • गणित को अपने जीवन से जोड़ने का कोशिस करें:

यदि आप गणित को अपने जीवन में हो रही घटनाओ के साथ जोड़ेगें तो आपको गणित बिलकुल ही आसान लगेगा। गणित को अपने कार्यो के उपयोग में लाये जिससे सूत्र और प्रमेय आपके जुबानो पर हो।

  • गणित को अपने खेल-कूद में शामिल कर खुद को प्रेरित करे :

अगर आप गणित से तनाव मुक्त रहना चाहते है। गणित का उपयोग अपने खेल-कूद में शामिल करें। जिससे आप हमेसा गणित से प्रेरित रहेंगे।

  • कैलकुलेटर का उपयोग से बचें :

हमारे हिसाब से सबसे बड़ा बजाय तो कैलकुलेटर का उपयोग है जो बच्चे को आलसी बना रहा है। यदि मैन्युअल गणना करते है तो आपकी कैलकुलेशन क्षमता बढाती है। जो आपका आत्मविश्वास को बनाये रखता है।

  • गलतियों पर मदद ले :

यदि गणित के कोई सवाल के हल में आप अटक रहे है या सटीकता जाँचनी है तो आप अपने से बड़े या अपने गणित अध्यापक को हल दिखाएँ। इसके संभावित गलतियाँ कम होना शुरू हो जायेगा।

  • गणित के नकारातमक सोच से बचे और सकारात्मक दृश्टिकोण रखे :

यदि गणित के हल गलत होता है तो घबरायें नहीं। बल्कि उसे फिर से कोसिस करे और हमेशा प्रेरित रहें।

निष्कर्ष:

गणित एक कठिन और जटिल विषय तो होता है। लेकिन यह केवल एक आदमी के अनुभव पर नहीं निर्भर करता है। शायद यही वजह है जँहा पर किसी ऐसे व्यक्ति की बात मान लेते है जो कभी गणित को समझने की कोशिश ही नहीं किया है। इसलिए गणित के बारें सोच को सकारात्मक रखें। यदि आपको कोई गणित से जुड़े कोई और समस्या है तो हमसे संपर्क कर सकते है।

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